रूप सुहाना लगता हैं - The Indic Lyrics Database

रूप सुहाना लगता हैं

गीतकार - इन्दीवर | गायक - एस पी बालसुब्रमण्यम, चित्रा | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - दी जेन्टलमैन | वर्ष - 1994

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को: (रूप सुहाना लगता है
चाँद पुराना लगता है
तेरे आगे ओ जानम)-२चि : (तू भी क्या चीज़ है, हर दिल अज़ीज़ है
दिल चाहे देखे तुझे हम हरदम)-२
को: रूप सुहाना ...बा:(मैं दिवाना आवारा बादल
गलियों में फ़िरता हूँ मैं मारा मारा)-२
महलों की तू रहने वाली
कैसे बनूँगा तेरा सहारा
फिर भी न जाने दिल क्यों ना माने
हर दिल हर पल तुझको पुकारे
रूप सुहाना ...चि:महलों की क्या है मुझको ज़रूरत
मैं तो तेरे दिल में रहूँगी
फूलों पे संग संग सब चलते हैं
कांटों पे संग संग मैं तो चलूँगी
होने लगा तू साँसों में शामिल
जिना है बस मुझे तेरे सहारेको: रूप सुहाना ...