खुलके जीने का - The Indic Lyrics Database

खुलके जीने का

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्या | गायक - अरिजीत सिंग, शशा तिरुपति | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - दिल बेचारा | वर्ष - 2020

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खुलके जीने का तारिका
तुम्हें सिखाते हैं
हँसके देखो ना लतीफ़ा
तुम्हें सुनते हैं
उमर के साल कितने हैं
गिन-गिन के क्या करना
बीत जाये गिनती में ही वरना

आओ फ़िल्मों के बेअदब
गाने गाते हैं
हीरोईन हीरो
आज हम तुम बन जाते हैं

खुलके जीने का तारिक
तुम्हें सिखाते हैं
हँसके देखो ना लतीफ़ा
तुम्हें सुनते हैं

ख़ुशियाँ तो रखीं हैं पॉकेट में
काग़ज़ के नन्हें से पैकेट में
इनकी बिजली की तरह
क्यूँ बचत करें बताओ ना
खरच करें डालेंगे सारी
आज ही आओ ना
है महँगे दर्द बड़े
और मुस्कान पाई हमने

खुलके जीने का तारिक
तुम्हें सिखाते हैं
हँसके देखो ना लतीफ़ा
तुम्हें सुनते हैं
उमर के साल कितने हैं
गीन-गीन के क्या करना
बीत जाये गिनती में ही वरना

आओ फ़िल्मों के बेअदब
गाने गाते हैं
हीरोईन हीरो
आज हम तुम बन जाते हैं

दिल की है इतनी ही नादानी
चुटकी में होजाए रोवानी
यारी और चाहत के जो भी
चीज़ की वही सरहद है
पार उसको कर जाना
दिल की बुरी आदत है
आसानी से आजाए
दो अंजन आँखियों की गिरफ़्त में

खुलके जीने का तारिक
तुम्हें सिखाते हैं
हँसके देखो ना लतीफ़ा
तुम्हें सुनते हैं
उमर के साल कितने हैं
गीन-गीन के क्या करना
बीत जाये गिनती में ही वरना

आओ फ़िल्मों के बेअदब
गाने गाते हैं
हीरोईन हीरो
आज हम तुम बन जाते हैं

खुलके जीने का तारिक
तुम्हें सिखाते हैं
हँसके देखो ना लतीफ़ा
तुम्हें सुनते हैं