सूना मन्दिर मेरा सखी री - The Indic Lyrics Database

सूना मन्दिर मेरा सखी री

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - अमीरबाई | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - भरथरी | वर्ष - 1944

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तक़दीर जगा कर आई हूँ



तक़दीर जगा कर आई हूँ

तक़दीर जगा कर आई हूँ

जगा कर आई हूँ

मैं एक नई दुनिया बसा कर लाई हूँ

दुनिया बसा कर लाई हूँ



किसे दिल का सुनाऊँ फ़साना

हो

आँख मिलते ही बदला ज़माना

ज़माना

हो

किसे दिल का सुनाऊँ फ़साना

आँख मिलते ही बदला ज़माना

मेरे होंठों पे गीत किसी के

मेरे गीतों में बोल ख़ुशी के

रसीले कुछ नगमें चुरा कर लाई हूँ

नगमें चुरा कर लाई हूँ

हो

हुआ चुपके ही चुपके इशारा

हो

मेरे दिल को मिला इक सहारा

सहारा

हो

हुआ चुपके ही चुपके इशारा

मेरे दिल को मिला इक सहारा

आई मस्तानी रुत अलबेली

दिल बेचा मुहब्बत ले ली

किसी को इस दिल में छुपाकर लाई हूँ

दिल में छुपाकर लाई हूँ

हो

तक़दीर जगा कर आई हूँ

तक़दीर जगा कर आई हूँ

जगा कर आई हूँ

मैं एक नई दुनिया बसा कर लाई हूँ

दुनिया बसा कर लाई हूँ

हो