रात के पिछले पहरों में - The Indic Lyrics Database

रात के पिछले पहरों में

गीतकार - न्याय शर्मा | गायक - आशा: | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - अंजलि | वर्ष - 1957

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रात के पिछले पहरों में
तुम क्या जानो हम क्यों रोए
रात के पिछले पहरों में
आँसू न थमे दुख सो न सका
थक हार के तारे भी सोए
बिरहा की घटाएँ ऐसी उठीं
बिन गरजे बादल बरस गए
ऐसे घनघोर अँधेरों में
हमने कितने मोती खोए
बेदर्दी तुम क्या समझोगे
क्या बीती थी अपने दिल पर
जब आग भरी बरसातों में
आँखों ने अंगारे बोए