आग पानी में लगी - The Indic Lyrics Database

आग पानी में लगी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता, रफ़ी, सहगान | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - झूला | वर्ष - 1962

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आग पानी में लगी, होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
आया लहरों में धुवाँ ओय ओय कैसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
आई कहाँ से जानें हाय इतनी तितलियाँ
डर के रहना बन जायेंगी बिजलियाँ
धूप में बिजली गिरी होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
पानी की कमी नहीं आग़ बुझाते जाओ
हम बुझाते जायें तुम लगाते जाओ
आज रोशन है जहाँ ओय ओय कैसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे
आग पानी में लगी, होय होय कैसे
के हुस्न की नाव चली होय होय ऐसे
आया लहरों में धुवाँ ओय होय कैसे
के दिलजले होंगे यहाँ ओय ओय ऐसे