लड़ी आंख से आंख मोहब्बत हो गई - The Indic Lyrics Database

लड़ी आंख से आंख मोहब्बत हो गई

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - पॉकेटमार | वर्ष - 1956

View in Roman

लड़ी आँख से आँख मोहब्बत हो गई
पड़ा गाल पे हाथ हजामत हो गईबाबू जी के गोरे गाल हाय-हाय-हाय देखो तो हो गए लाल
जल गई हांडी गली न दाल बैठे रह गए बाँकेलाल
लगा तमाचा ज़ोर से अजी अच्छी दावत हो गई
लड़ी आँख से ...ऐसा छूटा एक पटाखा बड़े ज़ोर का हुआ धमाका
कहने वाले सच कह गए प्यार है बड़ा लड़ाका
बड़ों-बड़ों की प्यार के हाथों अजी हजामत हो गई
लड़ी आँख से ...न जान न पहचान अजी मैं आपका मेहमान
दिल का खेल नहीं दिलवालों इतना तो आसान
दुनिया को दिल देने की यूँ ही आदत हो गई
लड़ी आँख से ...