कब से हूँ क्या बताऊँ, जहान-ए-खराब में - The Indic Lyrics Database

कब से हूँ क्या बताऊँ, जहान-ए-खराब में

गीतकार - मिर्जा गालिब | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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कासिद  के आते आते खत एक और लिख रखूँ
मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में
 
कब से हूँ क्या बताऊँ, जहान-ए-खराब में
शब हाये हिज्र को भी रखूं गर हिसाब में
मुझ तक कब उनकी बज़्म में, आता था दौर-ए-जाम
साकी ने कुछ मिला ना दिया हो शराब में
ता-फिर ना इंतज़ार में नींद आये उम्र भर
आने का अहद कर गये, आये जो ख्वाब में
ग़ालिब छुटी शराब, पर अब भी कभी कभी
पीता हूँ रोज़-ए-अब्र-ओ-शब-ए-माहताब में