कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो - The Indic Lyrics Database

कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो

गीतकार - बशीर बद्री | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - सजदा | वर्ष - 1991

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कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर ना हो
मुझे एक रात नवाज़ दे मगर उसके बाद सहर ना हो
वो बड़ा रहीम-ओ-करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे
तुझे भूलने की दुआ करूँ तो दुआ में मेरी असर ना हो
कभी दिन की धूप में झूम के, कभी शब के फूल को चुम के
यूँ ही साथ साथ चले सदा, कभी ख़त्म अपना सफ़र न हो
मेरे पास मेरे हबीब आ, ज़रा और दिल के करीब आ
तुझे धड़कनों में बसा लूँ मैं कि बिछड़ने का कभी डर ना हो