सुनो सुनो बनवारी मोरी - The Indic Lyrics Database

सुनो सुनो बनवारी मोरी

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - NA | संगीत - श्याम बाबू पाठक | फ़िल्म - जीत | वर्ष - 1949

View in Roman

तारों भरी रात है पर तू नहीं

ये ज़िंदगी क्या है

तुम कहीं हम कहीं

तारों भरी रात है पर तू नहीं

सु : मन का पंछी बोल उठा है

बोल बलम तेरे दिल में क्या है बोल बलम

र : मेरे दिल की बात न पूछो

हाय कहीं लगता नहीं

सु : तुम कहीं हम कहीं

तारों भरी रात है पर तू नहीं

र : थोड़ीथोड़ी देर में जी भरभर आये है

सु : अपनी लगी के सब जग गुन गाये है

मेरे दिल की बात तो पूछो

र : हाय कहीं लगता नहीं

सु : तुम कहीं हम कहीं

दो : तारों भरी रात है पर तू नहीं

ये ज़िंदगी क्या है

तुम कहीं हम कहीं

तारों भरी रात है पर तू नहीं