कभी तो खुल के बरस अब्र-ए-मेहरबां की तरह - The Indic Lyrics Database

कभी तो खुल के बरस अब्र-ए-मेहरबां की तरह

गीतकार - Nil | गायक - चित्रा सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - अ साउंड अफेयर | वर्ष - 1985

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कभी तो खुल के बरस अब्र-ए-मेहरबां की तरह
मेरा वजूद है जलते हुए मकाँ की तरह
मैं एक ख़्वाब सही आपकी अमानत हूँ
मुझे संभाल के रखिएगा जिस्म-ओ-जां की तरह
कभी तो सोच के वो शख़्स किस कदर था बुलंद
जो बिछ गया तेरे क़दमों में आसमां की तरह
बुला रहा है मुझे फिर किसी बदन का बसंत
गुज़र न जाए ये रुत भी कहीं ख़िज़ाँ की तरह