रात अभी बाक़ी है - The Indic Lyrics Database

रात अभी बाक़ी है

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - गीता दत्त | संगीत - बुलो सी रानी | फ़िल्म - बगदाद | वर्ष - 1952

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रात अभी बाक़ी है
दिल को क़रार आया नहीं
छेड़ दे हाय वो नग़मा
तूने जो गाया नहीं
रात अभी बाक़ी है
नस नस में बस गये वो
आँखों में वो समाये
तुम ही कहो कि ज़ालिम
नींद अभी किसको आये
चारों तरफ़ ख़ुशी के
फव्वारे छूटे हैं
रात अभी बाक़ी है
शबनमी आँखों में
दिल है, और हम तेरी आग़ोश में
ज़िन्दगी एक गीत बनके, जी
गीत बनके, आ गई आग़ोश में
जो मुझे कहनी थी तुम से
वो बात अभी बाक़ी है
बात अभी बाक़ी है
रात अभी बाक़ी है