बादल पे पाँव है, या छूटा गाँव है - The Indic Lyrics Database

बादल पे पाँव है, या छूटा गाँव है

गीतकार - जयदीप साहनी | गायक - हेमा सरदेसाई | संगीत - सलीम - सुलेमान | फ़िल्म - चक दे इंडिया | वर्ष - 2007

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सोचा कहाँ था यह जो, यह जो हो गया
माना कहाँ था यह लो, यह लो हो गया
चुटकी कोई काटो न है हम तो होश में
क़दमों को थामो यह है उड़ते जोश में
बादल पे पाँव है, या छूटा गाँव है
अब तो भई चल पड़ी अपनी यह नाव है
आसमां का स्वाद है, मुद्दतों के बाद है
सहमा दिल धकधक करे, यह दिन है या यह रात है
हाय तू मेहरबाँ क्यों हो गया, बाखुदा क्या बात है
बादल पे पाँव है ...
चल पड़े हैं हमसफ़र, अजनबी तो है डगर
लगता हमको मगर, कुछ कर देंगे हम अगर
ख्वाब में जो दिखा पर था छिपा, बस जायेगा वो नगर
बादल पे पाँव है ...