कितनी अंजनी सुरतेन लेकर जाने कहां देखा है - The Indic Lyrics Database

कितनी अंजनी सुरतेन लेकर जाने कहां देखा है

गीतकार - गुलजार | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - बीवी और मकान | वर्ष - 1966

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कितनी अन्जानी सूरतें लेकर लब पे जाने से नाम आते हैं
किसको मालूम था मोहब्बत में ऐसे मक़ाम आते हैंजाने कहाँ देखा है कहाँ देखा है तुम्हें
जागी-जागी आँखों के सपनों में
जाने कहाँ देखा ...जमना किनारे कभी भीगी-भीगी चोली में
साँवरे के संग कभी गोपियों की टोली में
कहाँ कहाँ पूछा है कहाँ-कहाँ ढूँढा है
जाने कहाँ देखा ...रावी के किनारे जहाँ हीर की सहेलियाँ
पूछती हैं रोज़ वही प्यार की पहेलियाँ
जाने कहाँ देखा ...नील के किनारे कभी शाम के उजाले में
ज़ुलेखा पुकारा है तुमको ख़्यालों में
जाने कहाँ देखा ...