चाहा था बनुन प्यार की रहों का देवता - The Indic Lyrics Database

चाहा था बनुन प्यार की रहों का देवता

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - गुनाहों का देवता | वर्ष - 1967

View in Roman

चाहा था बनूँ प्यार की राहों का देवता
मुझको बना दिया है गुनाहों का देवताये ज़िन्दगी तो ख़्वाब है जीना भी है नशा
दो घूँट मैने पी लिए तो क्या बुरा किया
रहने दो जाम सामने सब कुछ यही तो है
हर ग़मज़दा के आँसुओं का देवता
मुझको बना दिया ...क़िस्मत तो चल रही है हमसे चाल हर क़दम
एक चाल हम भी चल दिए तो हो गया सितम
अब तो चलेंगे चाल हम क़िस्मत के साथ भी
ऐसा बना संसार की राहों का देवता
मुझको बना दिया ...होगा जहाँ भी रूप तो पूजा ही जाएगा
चाहे जहाँ भी फूल हो मन को लुभाएगा
होकर रहेगा ज़िन्दगी में प्यार एक बार
बस कर रहेगा दिल में निगाहों का देवता
मुझको बना दिया ...