मेरे सरहाने जलाओ सपनें - The Indic Lyrics Database

मेरे सरहाने जलाओ सपनें

गीतकार - गुलजार | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - हृदयनाथ मंगेशकर | फ़िल्म - माया मेमसाब | वर्ष - 1993

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मेरे सरहाने जलाओ सपने
मुझे जरासी तो नींद आए
ख़याल चलते हैं आगे आगे
मैं उन की छाँव में चल रही हूँ
न जाने किस मोम से बनी हूँ
जो कतरा कतरा पिघल रही हूँ
मैं सहमी रहती हूँ नींद में भी
कहीं कोई ख़्वाब डस न जाए
कभी बुलाता है कोई साया
कभी उड़ाती है धूल कोई
मैं एक भटकी हुई सी खुशबू
तलाश करती हूँ फूल कोई
ज़रा किसी शाख़ पर तो बैठूँ
ज़रा तो मुझको हवा झुलाए