मेरे प्यार की आवाज़ पे चली आना - The Indic Lyrics Database

मेरे प्यार की आवाज़ पे चली आना

गीतकार - वर्मा मलिक | गायक - लता मंगेशकर - मोहम्मद रफी | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - राजमहल | वर्ष - 1982

View in Roman

मेरे प्यार की आवाज़ पे चली आना, ओ चली आना
देखो मौसम गहरा-गहरा है
और शाम का रंग सुनहरा है
आओ हम दोनों छुप जाएँ
प्यार की दुनिया में खो जाएँ
ऐसे खो जाएँगे ढूंढ़ेगा ये सारा ज़माना
तू है सपनों की परछाइयों में
तू है इस दिल की गहराईयों में
बांध के तुझको बाँहों में
रख लूँ आज निगाहो में
तो ये वादा करो मुझको कभी ना भुलाना
मैं आ गई हूँ प्यार की आवाज़ पे
ये प्यार भरा नग़्मा तुम फिर से गुनगुनाना