सुनो जी प्यारी कोयलिया बोले, - The Indic Lyrics Database

सुनो जी प्यारी कोयलिया बोले,

गीतकार - पंडित माधुरी | गायक - जोहराबाई, अमर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - सन्यासी | वर्ष - 1945

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सुनो सुनो सुनो सुनो

सुनो सुनो रे सुनो रे सुनो सूनो

कैसे कह दूँ बजरिया के बीच

ये तो कानों में कहने वाली बात है

मेरे सीने में आहों का शोर है

मेरा नन्हा सा दिल कमजोर है

मोसे एकली रहा नहीं जात है

ये तो कानों में कहने वाली बात है रे

कैसे कह दूँ बजरिया के बीच

ये तो कानों में कहने वाली बात है

आँखोंआँखों में काटूँ मैं रात रे

जिया माने न हाय मोरी बात रे

तेरी क़सम

तेरी क़सम ये बड़ा कमज़ात है

उइ दइया

ये तो कानों में कहने वाली बात है रे

कैसे कह दूँ बजरिया के बीच

ये तो कानों में कहने वाली बात है

मोरी सूनी पड़ी है अटरिया

मोहे कोसे है बाली उमरिया

मोहे कोसे

मोहे कोसे है बाली उमरिया

चुपकेचुपके

चुपकेचुपके जवानी बुलात है

ये तो कानों में कहने वाली बात है रे

कैसे कह दूँ बजरिया के बीच

ये तो कानों में कहने वाली बात है रे

कैसे कह दूँ बजरिया के बीच