मेरे नैना सावन भादों, फिर भी मेरा मन प्यासा - The Indic Lyrics Database

मेरे नैना सावन भादों, फिर भी मेरा मन प्यासा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - महबूबा | वर्ष - 1976

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मेरे नैना सावन भादो, फिर भी मेरा मन प्यासा
ऐ दिल दीवाने, खेल है क्या जाने
दर्द भरा ये गीत कहाँ से इन होठों पे आए
दूर कहीं ले जाए
भूल गया क्या, भूल के भी है, मुझको याद जरासा
बात पुरानी है, एक कहानी है
अब सोचूँ तुम्हे याद नहीं है अब सोचूँ नहीं भूले
वो सावन के झूले
रुत आए, रुत जाए देकर झूठा एक दिलासा
बरसों बीत गए, हमको मिले बिछड़े
बिजुरी बनकर गगन में चमकी बीते समय की रेखा
मैंने तुमको देखा
मन संग आँख मिचौली खेले, आशा और निराशा