कौन किसाके हाथ आया और खिलाउना हो गया - The Indic Lyrics Database

कौन किसाके हाथ आया और खिलाउना हो गया

गीतकार - कतील शिफाई | गायक - गुलाम अली | संगीत - जय-विजय | फ़िल्म - सौगात (गैर फिल्म) | वर्ष - 1996

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कौन किसके हाथ आया और खिलौना हो गया
छोड़िये इस बात को जो भी था होना हो गयाउसके कूचे की ज़मीं जिस रोज़ मैंने ओढ़ ली
आसमां उस रोज़ से मेरा बिछौना हो गयादेख लूँ तो देर तक लेती है चटखारे नज़र
जायक़ा अब उसके चेहरे का सलोना हो गयामेरी क़ीमत सिर्फ़ पीतल के बराबर थी 'क़तील'
छू के पारस-बदन को मैं तो सोना हो गया