आपसे हमको बिछड़े हुये - The Indic Lyrics Database

आपसे हमको बिछड़े हुये

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - सुमन कल्याणपुर, मनहरी | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - विश्वास | वर्ष - 1969

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मु : आपसे हमको बिछड़े हुये -२
एक ज़माना बीत गया
अपना मुक़द्दर बिगड़े हुये -२
एक ज़माना बीत गया
आपसे हमको बिछड़े हुये
एक ज़माना बीत गयाआपसे मिल के इन आँखों ने
कितने ख़्वाब सजाये थे
जिस गुलशन में हमने मिल के
गीत वफ़ा के गाये थे
उस गुलशन को उजड़े हुये -२
एक ज़माना बीत गयासु : अपना मुक़द्दर बिगड़े हुये -२
एक ज़माना बीत गयाक़िस्मत हमको ले आई है
गुलशन से वीराने में
आँसू भी नाकाम रहे हैं
दिल की आग बुझाने में
इस वीराने में जलते हुये -२
एक ज़माना बीत गया
आपसे हमको बिछड़े हुये
एक ज़माना बीत गयामु : अपना मुक़द्दर बिगड़े हुये -२
एक ज़माना बीत गया