कब तक तेरी दुनिया मन ये अंधेर रहेगा - The Indic Lyrics Database

कब तक तेरी दुनिया मन ये अंधेर रहेगा

गीतकार - अंजुम पीलीभीति | गायक - नूरजहां | संगीत - हाफिज खान | फ़िल्म - हमजोली | वर्ष - 1946

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कब तक तेरी दुनिया में ये अंधेर रहेगा -२
पानी की तरह खून ग़रीबों का बहेगा-२
कब तक तेरी दुनिया में ये अंधेर रहेगासंसार में दुखियों को तेरे चैन नहीं है-२
रहने के लिये घर है ना बसने को ज़मीं है
फ़रियाद फ़रियाद है फ़रियाद है ये राज़ नहीं है
ये ज़ुल्म कहाँ तक कोई इन्सान सहेगा-२
कब तक तेरी दुनिया में ये अंधेर रहेगाधन्वालों की दुनिया में कफ़न के भी हैं लाले
छीने लिये जाते हैं ये अब मूँ के निवाले
पंजे से अमीरी के ग़रीबी को सुलाले-२
वरना तेरा फिर पूजनेवाला ना रहेगा-२
कब तक तेरी दुनिया में ये अंधेर रहेगाहम क्या हैं ग़रीब आओ आओ ग़रीब आओ अमीरों को बतादें
मह्लों की उठो ईंट से हम ईंट बजादें
माना के ये ज़ालिम हमें दुनिया से मिटादें
दुनिया में ग़रीबों का मगर नाम रहेगा-२
कब तक तेरी दुनिया में ये अंधेर रहेगा
कब तक तेरी दुनिया में
भगवान भगवान