ना शिकवा है कोई ना कोई गिला है - The Indic Lyrics Database

ना शिकवा है कोई ना कोई गिला है

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अमर | वर्ष - 1954

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(न शिकवा है कोई न कोई गिला है)-३
सलामत रहे तू ये मेरी दुआ है
न शिकवा है कोई
(बहुत ही कठिन हैं मोहब्बत की राहें)-२
ज़रा बच के चलना ज़माना बुरा है
न शिकवा है कोई(अजब तेरी महफ़िल में देखा तमाशा
कहीं रौशनी है कहीं है अँधेरा)-२
कहीं है अँधेरा
(मुक़द्दर चिराग़ों के बदले हुए हैं)-२
कोई बुझ रहा है कोई जल रहा है
न शिकवा है कोई(मुबारक तुझे हो तेरे दिल की दुनिया
मेरी ज़िंदगी का कोई ग़म न करना)-२
कोई ग़म न करना
(ये सब गर्दिशें हैं नसीबों की प्यारे)-२
न मेरी ख़ता है न तेरी ख़ता है
न शिकवा है कोई