सुहानी रात ढल चुकी - The Indic Lyrics Database

सुहानी रात ढल चुकी

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दुलारि | वर्ष - 1949

View in Roman

सुनो जी प्यारी कोयलिया बोले

सुनो जी प्यारी कोयलिया बोले

कोयलिया बोले, मस्त जवानी डोले

सुनो जी प्यारी कोयलिया बोले

ख़ुशियों के दिन अब आये ख़ुश हो लो

क्या क्या हैं संदेसा लाये कुछ बोलो

दिल दिल के घूंघट खोले

कोयलिया बोले

उजड़े हुए दिल फिर से बसेंगे

बिछ्ड़े हुए थे फिर से मिलेंगे

चंदा बदली में जाये शरमा के

उल्फ़त का राग सुनाए सुलझा के

दिल झूले होले होले

कोयलिया बोले