पंथ निहारुन पड़े बरखा फुहारी - The Indic Lyrics Database

पंथ निहारुन पड़े बरखा फुहारी

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - दूज का चांद | वर्ष - 1964

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पंथ निहारूँ डगर बुहारूँ नैन बहाऊँ नीर
सूली ऊपर सेज पिया की किस विध मिलना होयपड़े बरखा फुहार करे जियरा पुकार
दुख जाने ना हमार बैरन रुत बरसात की
पड़े बरखा फुहार ...उत बरसे बदरवा कारे इत बरसे दो नैन हमारे
हाय मिटी कजरे की धार लुटा मन का सिंगार
दुख जाने ना हमार ...दुख हमरी अभागन प्रीत के वो ही जाने जो हारा हो जीत के
टूटे सपनों के हार सूना लागे संसार
दुख जाने ना हमार ...