बाबुल का ये घर बहना - The Indic Lyrics Database

बाबुल का ये घर बहना

गीतकार - अंजान | गायक - अलका याज्ञिक - किशोर कुमार | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - दाता | वर्ष - 1989

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बाबुल का ये घर बहना कुछ दिन का ठिकाना है
बाबुल का ये घर गोरी कुछ दिन का ठिकाना है
बन के दुल्हन एक दिन तुझे पिया घर जाना है
बाबुल तेरे बगिया की मैं तो वो कली हूँ रे
छोड़ तेरी बगिया मुझे घर पिया का सजाना है
बेटी घर बाबुल के किसी और की अमानत है
दस्तूर दुनिया का हम सबको निभाना है
मैया तेरे आँचल की मैं हूँ एक गुड़िया रे
तूने मुझे जनम दिया तेरा घर क्यों बेगाना है
मैया पे क्या बीत रही बहना तू ये क्या जाने
कलेजे के टुकड़े को रो रो के भुलाना है
भैया तेरे अँगना की मैं हूँ ऐसी चिड़िया रे
रात भर बसेरा है सुबह उड़ जाना है
यादें तेरे बचपन की हम सबको रुलाएगी
फिर भी तेरी डोली को कांधा तो लगाना है