मोर नैना सावन भादो - The Indic Lyrics Database

मोर नैना सावन भादो

गीतकार - प्रह्लाद शर्मा | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - वी बलसर | फ़िल्म - विद्यापति | वर्ष - 1964

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मोरे नैना सावन भादो
तोरी रह-रह याद सताए
बालम कित जाऊँ रे
मैं तो रो रो कर मर जाऊँ रेआईं रस की भरी फुहारें
मोरी भीग रहीं रे अँखियाँ
इत रिमझिम में साँवरिया
मोरी सुलग रही रे बगिया
मैं तो प्रीत किये पछताई रे
मोरा दर्द न जाने कोय
बालम कित जाऊँ रे ...मैं तो पवन चकोरे ढोली
बन जंगल की हिरनिया
कहाँ छुप गया रे मोरा चन्दा
कित गयी रे हाय चाँदनिया
अरे मोती चुगती हंसी
अब चुग रही रे अंगारे
बालम कित जाऊँ रे ...