नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ - The Indic Lyrics Database

नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दीदार | वर्ष - 1951

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नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
आज़माने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे
तुझी को तेरी कहानी
तुझी को तेरी कहानी सुनाने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
जो नग़में सोये हुये
हैं तेरे ख़यालों में
जो नग़में सोये हुये
हैं तेरे ख़यालों में
उन्हीं को आज मैं गा कर
जगाने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे हाय
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
आज़माने आया हूँ
हाँ
( बहा भी दे मेरी
हालत पे आज दो आँसू )
मैं अपने दिल की
लगी को बुझाने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
आज़माने आया हूँ
हो
( अगर वो सामने होते
तो उनसे ये कहता )
तेरे हज़ूर में बिगड़ी
बनाने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
आज़माने आया हूँ