प्यार आँखों से जताया तो बुरा मान गए - The Indic Lyrics Database

प्यार आँखों से जताया तो बुरा मान गए

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - आई मिलन की बेल | वर्ष - 1964

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प्यार आँखों से जताया तो बुरा मान गए
हाल-ए-दिल हमने सुनाया तो बुरा मान गए
अपने गजरे के हर एक फूल की तारीफ़ सुनी
ज़ख़्म -ए-दिल हमने दिखाया तो बुरा मान गए
वो तो हर रोज़ रुलाते हैं घटाओं की तरह
हमने एक रोज़ रुलाया तो बुरा मान गए
बेख़ुदी पर मेरी हँसते रहे शरमाते रहे
अब ज़रा होश में आया तो बुरा मान गए
सिर्फ़ इतनी सी ख़ता पर हमें दुश्मन जाना
सर को कदमों में झुकाया तो बुरा मान गए