बाबू समझो इशारे - The Indic Lyrics Database

बाबू समझो इशारे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार - मन्ना डे | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - चलती का नाम गाडी | वर्ष - 1958

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बाजू......
बाबू समझो इशारे
होरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाडी
कहते हैं प्यारे पम पम पम
सौ बातों की एक बात यही है
क्या भला तो क्या बुरा कामयाबी में ज़िन्दगी है
टूटी फूटी सही चल जाए ठिक है
सच्ची झूठी सही चल जाए ठिक है
आड़ी तिरछी चला चला के झूम
आड़ी तिरछी चला चला के झूम
आड़ी चला चला के झूम
तिरछी चला चला के झूम
बाजू......
बाबू समझो इशारे
होरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाडी
कहते हैं प्यारे पम पम पम
इतनी सी बात ना समझा ज़माना
आदमी जो चलता रहे तो मिल जाए हर ख़ज़ाना
शोहरत है चीज़ क्या चलने का नाम है
इज़्ज़त है चीज़ क्या चलने का नाम है
आड़ी तिरछी चला चला के झूम
आड़ी तिरछी चला चला के झूम
आड़ी चला चला के झूम
तिरछी चला चला के झूम
हिलमिल के चलना यूँ ही साथी
है बँधी मुठ्ठी लाख की
और खुली तो प्यारे खांक की
मुश्किल जो आ पड़े ठोकर से टाल दे
परबत भी हो खड़े हिलमिल के टाल दे
जो समझा ये उसी की मची धूम
जो समझा ये उसी की मची धूम
जो समझा उसी की मची धूम
जो समझा उसी की मची धूम
बाजू......
बाबू समझो इशारे
होरन पुकारे पम पम पम
यहाँ चलती को गाडी
कहते हैं प्यारे पम पम पम