जीवन एक संग्राम है सुबह सवेरे सबासे पहले - The Indic Lyrics Database

जीवन एक संग्राम है सुबह सवेरे सबासे पहले

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - सहगान, अनुराधा पौडवाल, नितिन मुकेश | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - देशवासी | वर्ष - 1989

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जीवन एक संग्राम है संग्राम है तेरा नाम
तू ही बता सबके लिए क्या है तेरा पैगाम
हो ओ
सुबह सवेरे सबसे पहले बोलो राम राम बोलो बोलो राम राम
उसके बाद करो झुक कर इस मिट्टी को प्रणाम
मेरे देशवासियों अपने देश को स.म्भालो
सुबह सवेरे सबसे पहले ...बोलो झूमो नाचो गाओ गीत है ये तक़रीर नहीं
अब गैरों के हाथों में हम सबकी तक़दीर नहीं
हाथों में हथकड़ी नहीं पांवों में ज़ंजीर नहीं
क्योंकि हम आज़ाद हैं हम सब अब नहीं गुलाम
करो इस मिट्टी को प्रणाम
मेरे देशवासियों ...यहीं पे जीना मरना हमको यहीं पे हँसना रोना है
इन खेतों से खलिहानों से सोना पैदा होना है
जागते रहना मत सोना ये मिट्टी नहीं है सोना है
बेच न देना इस सोने को तुम मिट्टी के दाम
करो इस मिट्टी को प्रणाम
मेरे देशवासियों ...मेरे देश के वासी देश की सेवा तुम दिन रात करो
देश से इतना प्यार किया थोड़ा मेरे साथ करो
कब तक अपनी राधा को तड़पाओगे श्याम
सुबह सवेरे सबसे पहले ...