पुकारता चला हूँ मैं, गली गली बहार की - The Indic Lyrics Database

पुकारता चला हूँ मैं, गली गली बहार की

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - मेरे सनम | वर्ष - 1965

View in Roman

पुकारता चला हूँ मैं
गली-गली बहार की
बस एक छाँव ज़ुल्फ़ की
बस एक निग़ाह प्यार की
ये दिल्लगी ये शोखियाँ सलाम की
यहीं तो बात हो रही है काम की
कोई तो मुड़ के देख लेगा इस तरफ़
कोई नज़र तो होगी मेरे नाम की
सुनी मेरी सदा तो किस यक़ीन से
घटा उतर के आ गई ज़मीन पे
रही यही लगन तो ऐ दिल-ये-जवां
असर भी हो रहेगा एक हसीन पे