गीतकार - शैलेंद्र | गायक - आशा: | संगीत - रोशन | फ़िल्म - चाँदनी चौक | वर्ष - 1954
View in Romanऐजम, ऐजम, ऐजम जी,
जितने भी हैं ग़म ग़लत कर डाल
के दुनिया है दो दिन की )-2
( सारे जहाँ की बहारें
प्यार से तेरा ही नाम पुकारें )-2
झूम के जी ले मय उल्फ़त के दाँव की-2
( ऐजम, ऐजम, ऐजम जी,
जितने भी हैं ग़म ग़लत कर डाल
के दुनिया है दो दिन की )-2
( चाँद हवा ये सितारे
देखो हमारे हैं आज हमारे )-2
प्यार में जी ले ये बातें हैं काम की-2
( ऐजम, ऐजम, ऐजम जी,
जितने भी हैं ग़म ग़लत कर डाल
के दुनिया है दो दिन की )-2$