तकदीर बनी बन कर बिगडि - The Indic Lyrics Database

तकदीर बनी बन कर बिगडि

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - शमशाद बेगम | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - मेला | वर्ष - 1948

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( तक़दीर बनी बन कर बिगड़ी
दुनिया ने हमें बरबाद किया ) -२
( दुख दर्द के हाथों लुट कर भी
इस दिल ने तुझी को याद किया ) -२
तक़दीर बनीहम दिल की लगी को क्या रोयें
उल्फ़त में हज़ारों घर उजड़े
ए ए ए
( ऐ इश्क़ के मारो तुम ही कहो
क़िसमत ने किसे आबाद किया ) -२
तक़दीर बनीइस क़ैद में जीना मुशक़िल है
ऐ मौत लगी है आस तेरी
हो ओ ओ ओ
( चुपके से ज़रा आ कर कह दे
जा हमने तुझे आज़ाद किया ) -२
तक़दीर बनी बन कर बिगड़ी
दुनिया ने हमें बरबाद किया
तक़दीर बनी