बुलाबुल को मिला फूल तो नदी को किनारास - The Indic Lyrics Database

बुलाबुल को मिला फूल तो नदी को किनारास

गीतकार - ज़िया सरहदी | गायक - सुरेंद्र नाथ, गीता रॉय | संगीत - के दत्ता | फ़िल्म - मेरी कहानी | वर्ष - 1948

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सु : बुलबुल को मिला फूल
बुलबुल को मिला फूल तो नदी को किनारा
हर दिल को है दुनिया में
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहारा
बुलबुल को मिला फूल तो नदी को किनारा
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहारागी : इठलाये हुये कोई चला आता है मन में -२
करता है कोई चाँद की खिड़की से इशारा -२
हर दिल को है दुनिया में
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहारादो : ( बुलबुल को मिला फूल तो नदी को किनारा
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहारा ) -२सु : मचला हुआ दिल अपना ये अरमानों भरा दिल
कहने को हमारा है मगर है ये तुम्हारा -२
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहारागी : बैठे हुये हम गाते रहें प्यार भरा गीत
छा जाये ज़माने पे यही गीत हमारा -२
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहाराइक टूटी हुई नाव है इन्सान का जीवन
सु : अरमान नदी और मुहब्बत है किनारा -२
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहारा
दो : बुलबुल को मिला फूल तो नदी को किनारा
हर दिल को है दुनिया में
हर दिल को है दुनिया में किसी दिल का सहारा