किधर है तू ऐ मेरी तमन्ना - The Indic Lyrics Database

किधर है तू ऐ मेरी तमन्ना

गीतकार - जमील मजहारी | गायक - सहगल | संगीत - NA | फ़िल्म - कुरुक्षेत्र | वर्ष - 1945

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किसी तरह से मुहब्बत में चैन पा न सके

किसी तरह से मुहब्बत में चैन पा न सके

लगी वो आग है सीने में जो बुझा न सके

ज़ुबान चुप रही मेरी तो आँसू बोल उठे

छुपाई लाख मुहोब्बत मगर छुपा न सके

न जाने किस की है तसवीर आँसू आँसू में

के अपनी आँख से आँसू भी हम गिरा न सके

तबाही पूछ न दिल की तू हम से ऐ दुनिया

कुछ ऐसी उजड़ी है बस्ती के हम बसा न सके

किसी तरह से मुहोब्बत में चैन पा न सके