बार बार हाँ, बोलो यार हाँ - The Indic Lyrics Database

बार बार हाँ, बोलो यार हाँ

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - ए आर रहमानी | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - लगान | वर्ष - 2001

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बार बार हाँ, बोलो यार हाँ
अपनी जीत हो, उनकी हार हाँ
कोई हम से जीत ना पावे
चले चलो, चले चलो
मिट जावे जो टकरावे, चले चलो
भले घोर अंधेरा छावे
चले चलो, चले चलो
कोई राह में ना थम जावे, चले चलो
टूट गयी जो उंगली उठ्ठी
पाँचों मिली तो बन गयी मुट्ठी
एका बढ़ता ही जावे
चले चलो, चले चलो
कोई कितना भी बहकावे, चले चलो
कोई हम से जीत ना पावे
चले चलो, चले चलो
मिट जावे जो टकरावे, चले चलो
कोई ना अब रोके तुझे, टोके तुझे
तोड़ दे बंधन सारे
मिला है क्या होके तुझे निर्बल, तू ही बता
कभी ना दुःख झेलेंगे, खेलेंगे
ऐसे के दुश्मन हारे
के अब तो ले लेंगे, हिम्मत का रास्ता
धरती हिला देंगे, सब को दिखा देंगे
राजा क्या, परजा क्या
हम जग पे छायेंगे, अब यह बतायेंगे
हम लोगों का दर्जा क्या
बार बार हाँ, बोलो यार हाँ
अपनी जीत हो, उनकी हार हाँ
अब डर नहीं मन में आवे
चले चलो, चले चलो
हर बेडी अब खुल जावे, चले चलो
चला ही चल, हाँफ नहीं, काँप नहीं
राह में अब तो राही
थकान का साँप नहीं अब तुझे डसने पाये
वो ही जो तेरा हाक़िम है, जालिम है
की है जिसने तबाही
घर उसका पश्चिम है, यहाँ ना बस में पाये
धरती हिला देंगे, सब को दिखा देंगे
राजा क्या, परजा क्या
हम जग पे छायेंगे, अब यह बतायेंगे
हम लोगों का दर्जा क्या
जो होना है, हो जावे
चले चलो, चले चलो
अब सर ना कोई झुकावे, चले चलो
कोई हम से जीत ना पावे
चले चलो, चले चलो
मिट जावे जो टकरावे, चले चलो
बार बार हाँ, बोलो यार हाँ
अपनी जीत हो, उनकी हार हाँ