सुनो सुनो बनवारी मोरे - The Indic Lyrics Database

सुनो सुनो बनवारी मोरे

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - गीता रॉय | संगीत - श्याम बाबू पाठक | फ़िल्म - जीत | वर्ष - 1949

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सुनो सुनो बनवारी मोरी -२
दुनिया
दुनिया तेरी भई धुखियारी
सुनो सुनो बनवारी मोरी
सुनो सुनो( महलों में कोई रास रचाये
कोई दर-दर ठोकर खाये ) -२
एक हँसे एक रोये
एक हँसे एक रोये जग में
कैसे तुझसे देखा जाये -२
ये तो कोई ना ए ?? मुरारी -२दुनिया तेरी भई धुखियारी
सुनो सुनो बनवारी मोरी
सुनो सुनो( इस धरती से सोना निकले
इस आकाश से अम्रत बरसे ) -२
( फिर भी तेरी कुटनी ?? दुनिया
रोटी के टुकड़ों को तरसे ) -२
भूखे हैं लाखों नर-नारीसुनो सुनो बनवारी मोरी -२
दुनिया तेरी भई धुखियारी
सुनो सुनो बनवारी मोरी
सुनो सुनो( दीन-धरम के झगड़ों में ये
दुनिया तेरी मिटती जाये ) -२
( धन-धौलत के नाम पे भाई
भाई का ही लहू बहाये ) -२
हमें जगा दे राह बता दे -२
रख ले लाज हमारीसुनो सुनो बनवारी मोरी -२
दुनिया तेरी भई धुखियारी
सुनो सुनो बनवारी मोरी
सुनो सुनो