देखो कान्हा नहीं मनत बतियां - The Indic Lyrics Database

देखो कान्हा नहीं मनत बतियां

गीतकार - माया गोविंद | गायक - सुलक्षणा पंडित, येसुदास | संगीत - राजकमल | फ़िल्म - पायल की झंकार | वर्ष - 1980

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देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँ
छलिया छेड़े बाँसुरिया
देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँबंशी बजा के करे बरजोरी
बिनती करूँ पर माने नहीं मोरी
देखो-
देखो रोके हमरी डगरियाजमुना पे आई भरन गगरिया
जमुना पे आई भरन ...नीर भरत जमुना तट पर जब भर भर नीर उठाई गगर
तब डगर चलत मोहे छेड़त लंगर
हटो जाओ जी कुँवर, फूटी जात गगर
मोहे छोड़ छोड़ माधव, माधव, माधव -३जमुना पे आई भरन गगरिया
मैं तो भोली श्यामा गुजरिया
भरी गगरी पे मारे कंकरिया
छलिया छेड़े बाँसुरिया
देखो कान्हा नहीं मानत बतियाँदीम तारे नादिर देना देरे न
दीम ता दीम ता दीम नादिर देना देरे न
नादिर न दीम ता दीम ता दीम ता दीम देरे न
देरे न दीम
ओ दिर दिर तानी दीम तानी दीम देरे न
ता दीम ता दीम ता दीम ता दीम देरे न
धा किट् तक धुम किट तक धि ता, धा ता, धा ता
दीम तारे नादिर देना देरे न देरे न देरे नगोपाल! गोपाल! गोपाल!
बिन गोपाल भयो ब्रज सूनोकहाँ हो गोपाल -३
बिन गोपाल भयो ब्रज सूनो
मधुवन सूनो, यमुना सूनी
आज कदम की छैँया सूनी
यशोदा को घर आँगन सूनो
नन्द बाबा की अखियाँ सूनी
सूनी सूनी दधि की मटकियाँ
राधा रानी को मन सूनो
कहाँ हो गोपाल -३