चलो न गोरी मचल-मचल के - The Indic Lyrics Database

चलो न गोरी मचल-मचल के

गीतकार - मधुकर राजस्थानी | गायक - सी एच आत्मा | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - (गैर फिल्म) | वर्ष - 1958

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चलो न गोरी
चलो न गोरी मचल-मचल के
अभी तो बालापन है
चाँद सी सूरत
चाँद सी सूरत प्रेम की मूरत
पाँवों में झाँझन है
चलो न गोरी

हल्के-हल्के पाँव धरो तुम
मन की उमंगों में ना बहो तुम
कोमल तेरा मन है

चाँद सी सूरत
चाँद सी सूरत प्रेम की मूरत
पाँवों में झाँझन है
चलो न गोरी

( कली से तेरे होंठ रसीले
चुपके से कोई रस ना पी ले )-2
भँवरों का मधुबन है
चलो न गोरी

चाँद सी सूरत प्रेम की मूरत
पाँवों में झाँझन है
चलो न गोरी

कौन न चाहे प्रेम की कलियाँ
सबको भायें पी की गलियाँ
पर ये राह कठिन है

चलो न गोरी
चलो न गोरी मचल-मचल के
अभी तो बालापन है
चाँद सी सूरत
चाँद सी सूरत प्रेम की मूरत
पाँवों में झाँझन है
चलो न गोरी$