कैसी लग राही हुन में - The Indic Lyrics Database

कैसी लग राही हुन में

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - झूठा सच | वर्ष - 1984

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लता:
कैसी लग रही हूँ मैं
कहिये क्या खयाल है|
किशोर:
बिजलियाँ ना गिर पड़ें
अब तो ये सवाल है||किशोर:
मेरी नज़र ना लग जाए
आजा लगा दूँ दिलबर
तेरा ही काजल तेरे रुख़ःसार पे
लता:
ओ~ अब क्या नज़र का लगना
दिल लग चुके हैं देखो
खोये हैं इक दूजे में इस प्यार से
किशोर:
ये मेरा तेरा मिलन कितना बेमिसाल है..लता:
घुँघटा गिरा के थोड़ा
मुखड़ा दिखा के थोड़ा
जब मैं चलूँ तो तुमको कैसा लगे
किशोर:
आएगी आफ़त कोई
होगी क़यामत कोई
जीने नहीं दोगी तुम
ऐसा लगे
लता:
एक ही जलवे में तुम लुट गये कमाल है..