नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है - The Indic Lyrics Database

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - रफ़ी, आशा, कोरस | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - बूट पोलिश | वर्ष - 1953

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(नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है) -
मुट्ठी में है तक़दीर हमारी
मुट्ठी में है तक़दीर हमारी
हम ने क़िस्मत को बस में किया है
हम ने क़िस्मत को बस में किया है
(भोली भली मतवाली आँखों में क्या है)
आँखोन में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आँखोन में झूमें उम्मीदों की दिवाली
आनेवाली दुनिया का सपना सजा है
आनेवाली दुनिया का सपना सजा है
(भीख में जो मोती मिले लोगे या न लोगे
ज़िंदगी के आँसूओं का बोलो क्या करोगे)
भीख में जो मोती मिले तो भी हम ना लेंगे
भीख में जो मोती मिले तो भी हम ना लेंगे
ज़िंदगी के आँसूओं की माला पहनेंगे
ज़िंदगी के आँसूओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते भिड़ते जीने में मज़ा है
मुश्किलों से लड़ते भिड़ते जीने में मज़ा है
(हम से न छुपाओ बच्चो हमें भी बताओ
आनेवाले दुनिया कैसी होगी समझाओ)
आनेवाले दुनिया में सब के सर पे ताज होगा
आनेवाले दुनिया में सब के सर पे ताज होगा
न भूखों की भीड़ होगी न दुखों का राज होगा
न भूखों की भीड़ होगी न दुक्कों का राज होगा
बदलेगा ज़मना ये सितारों पे लिखा है
बदलेगा ज़मना ये सितारों पे लिखा है