इस परबत पे तुम लाख छुपे हो मुझसे - The Indic Lyrics Database

इस परबत पे तुम लाख छुपे हो मुझसे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - हरिहरन, जानकी | संगीत - विजू शाह | फ़िल्म - प्यार इश्क और मोहब्बत | वर्ष - 2001

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प्यार इश्क़ और मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
इस परबत पे इस पतझड़ में फूल कोई खिल जाए
हाँ कबसे उसको ढूँढ रहा हूँ शायद वो मिल जाए
हाँ तुम लाख छुपे हो मुझसे
लेकिन मैने ढूँढ लिया है
हाँ नाम पता इस दिल से तुम्हारा
मैने पूछ लिया है
तुम लाख छुपे हो ...कुछ सुनती हो ना कहती हो
तस्वीर सी बस चुप रहती हो
जान-ए-मन मेरी जान हो तुम
लेकिन मुझसे अन्जान हो तुम
मैने इक पत्थर की मूरत को
शायद पूज लिया है
तुम लाख छुपे हो ...ये गोरा गोरा मुखड़ा है
या कोई चाँद का टुकड़ा है
ये प्यारी प्यारी आँखें हैं
या गहरी गहरी झीलें हैं
तुम ये क्या जानो इन आँखों में
कोई डूब गया है
तुम लाख छुपे हो ...