लब पे फ़रियाद है दिल बरबाद है - The Indic Lyrics Database

लब पे फ़रियाद है दिल बरबाद है

गीतकार - मुल्क राज भाखरी | गायक - गीता दत्त, मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - नाच | वर्ष - 1949

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ल, गी: ( लब पे फ़रियाद है दिल बरबाद है
लेकिन बरबाद दिल में तू ही आबाद सजनिया
तू ही आबाद है ) -२र: हमने समझा था अपना भी होगा कोई
हाय क़िस्मत हमारा कोई नहीं
मेरे ग़म की कहानी कौन सुने
दुनिया में सहारा कोई नहीं
ल, गी: ( लब पे फ़रियाद है दिल बरबाद है
लेकिन बरबाद दिल में तू ही आबाद सजनिया
तू ही आबाद है ) -२र: तेरी याद से दिल आबाद किया
पर तूने न भूल के याद किया
और इसपे सितम मेरे सामने ही
तूने ग़ैर का घर आबाद किया
ल, गी: ( लब पे फ़रियाद है दिल बरबाद है
लेकिन बरबाद दिल में तू ही आबाद सजनिया
तू ही आबाद है ) -२