अज रौनक ऐसी होव ओय हुई गोरी गोरी बन्नो की सगाई - The Indic Lyrics Database

अज रौनक ऐसी होव ओय हुई गोरी गोरी बन्नो की सगाई

गीतकार - दीपाली दीप | गायक - मेशि | संगीत - एक्सएलएनसी | फ़िल्म - मैं - एक भारतीय होने पर गर्व है | वर्ष - 2003

View in Roman it's your turn now. it's your time.
come on boys
let's do it
one two three goमत्थे चमके टिका गोरी दा
लशका मारे लाजा
हो लशका मारे लाजा
मत्थे चमके टिका गोरी दा
लशका मारे लाजा
रौनक बन गई ओय
ओ शाबा ओ शाबा ओ शाबा
( रौनक बंध गई ओय
जब नचिया कुड़ी दा चाचा ) -३गोरी बन्नो ऐंज पई चमके -२
ज्यों अ.म्बराँ दे तारे
गोरी बन्नो ऐंज पई चमके
ज्यों अ.म्बराँ दे तारे
लक्ख-लक्ख वार दियो
हट के हट के हट हट के
( लक्ख-लक्ख वार दियो
अज नच्चो रण मेड़ सारे ) -२हे जिन पओणा नई
नचे कुड़ी दा काका
के महफ़िल सज जावे
हुण नचे कुड़ी दा बेओ
के नित चित बजौँ रौणकाँ
सधो कुड़ी दी माँ
तक-तक दिल धड़के
सथ नच पई जगो सहेली
ओ रौनक बंध गई ओय
जब नचिया कुड़ी दा चाचा
( लक्ख-लक्ख वार दियो
अज नच्चो रण मेड़ सारे ) -२
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हड़िप्पा
अज रौणक ऐसी होवे ओय -२
दिल नच्चे ते अँख रोवे ओय
होवे लक्ख-लक्ख सबको बधाई
के सारे आज पौ पंगड़े
हट के हट के हट हट के
( के सारे आज पौ पंगड़े
हुई गोरी-गोरी बन्नो की सगाई ) -३अज दे ने आया शगना वाड़ा
लख-लख शगन दियो
हो लख-लख शगन दियो
अज दे ने आया शगना वाड़ा
लख-लख शगन दियो
के महफ़िल सज जावे
( के महफ़िल सज जावे
हुण नचे कुड़ी दा बेओ ) -३आ आ आ हड़िप्पा -३
ओगोरे गाल शरबती अँखियाँ -२
रूप है सादा-सादा
गोरे गाल शरबती अँखियाँ
रूप है सादा-सादा
हे जिन पओणा नईओ शाबा -३
( हे जिन पओणा नई
नचे कुड़ी दा काका ) -३होय होय होय -३
हड़िप्पाअज्ज माही दे प्यार में खो गई
जैसे कोई पहेली
हो जैसे कोई पहेली
अज्ज माही दे प्यार में खो गई
जैसे कोई पहेली
तक-तक दिल धड़के
बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले बल्ले
( तक-तक दिल धड़के
सथ नच पई जगो सहेली ) -३आहा आहा आहा होय -३आजा
हो चाचा जी
हे मैं कया चाचा जी
come onचाचा जी
don't be shy
it's your turn now. it's your time.
come on boys
let's do it
one two three goमत्थे चमके टिका गोरी दा
लशका मारे लाजा
हो लशका मारे लाजा
मत्थे चमके टिका गोरी दा
लशका मारे लाजा
रौनक बन गई ओय
ओ शाबा ओ शाबा ओ शाबा
( रौनक बंध गई ओय
जब नचिया कुड़ी दा चाचा ) -३गोरी बन्नो ऐंज पई चमके -२
ज्यों अ.म्बराँ दे तारे
गोरी बन्नो ऐंज पई चमके
ज्यों अ.म्बराँ दे तारे
लक्ख-लक्ख वार दियो
हट के हट के हट हट के
( लक्ख-लक्ख वार दियो
अज नच्चो रण मेड़ सारे ) -२हे जिन पओणा नई
नचे कुड़ी दा काका
के महफ़िल सज जावे
हुण नचे कुड़ी दा बेओ
के नित चित बजौँ रौणकाँ
सधो कुड़ी दी माँ
तक-तक दिल धड़के
सथ नच पई जगो सहेली
ओ रौनक बंध गई ओय
जब नचिया कुड़ी दा चाचा
( लक्ख-लक्ख वार दियो
अज नच्चो रण मेड़ सारे ) -२