काम करो आवो अपना जीवन बदलें क्यों दुख झेलो - The Indic Lyrics Database

काम करो आवो अपना जीवन बदलें क्यों दुख झेलो

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - कोरस, विनोद, सुरैया, गीता रॉय | संगीत - श्याम बाबू पाठक | फ़िल्म - जीत | वर्ष - 1949

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को : ( काम करो भई काम करो
तुम जग में अपना नाम करो ) -२सु : आवो अपना जीवन बदलें बदल रहा संसार -२
न कोई बेकार रहे और न कोई लाचार -२को : ( काम करो भई काम करो
तुम जग में अपना नाम करो ) -२Male Voice: काम है अपनी शक्ती भइया काम है अपनी भक्ती -२
इसके बल पे अपनी बिगड़ी क़िसमत है बन सकती -२को : ( काम करो भई काम करो
तुम जग में अपना नाम करो ) -२सु : रीत पुरानी छोड़ो-छोड़ो झूठे बंधन तोड़ो -२
नये समय से नये जगत से अपना नाता जोड़ो -२को : ( काम करो भई काम करो
तुम जग में अपना नाम करो ) -२सु Male Voice: आवो एक हो जायें हम आपस के भेद मिटायें -२
ग़ैर नहीं है कोई घर-घर ये संदेश सुनायेंको : ( काम करो भई काम करो
तुम जग में अपना नाम करो ) -२Pआऱ्ट ईईको : ( काम करो भई काम करो
जग में अपना नाम करो ) -२गी : क्यूँ दिन-रात हो मेहनत करते
और फिर भी हो तुम भूखों मरतेक्यूँ दुख झेलो प्रान गँवावो -२
आवो मेरी शरन में आवो आवो आवोक्यूँ दुख झेलो प्रान गँवावो -२
आवो मेरी शरन में आवो आवो आवो( तुम जो काम करो बरसों में
मैं कर सकती हूँ मिनटों में ) -२मुझको पूजो
उसको पूजो तो दुख पावो
मुझको पूजो तो सुख पावो
आवो मेरी शरन में आवो आवो आवोवि : ( ओ देवी पूजा को तेरी
चहिये धन-दौलत की ढेरी ) -२को : ( सोना-चाँदी कहाँ से लायें
पास तेरे हम कैसे आयें ) -२वि : ( हम हैं तुम्हरे सेवक भइया
हम हैं तुम्हरे दास ) -२को : आओ साथ हमारे आओ
दिल का भेद मिटा दो
नई मशीनों से धन के
ढेर के ढेर लगा दोगी : क्यूँ दुख झेलो प्रान गँवावो -२
आवो मेरी शरन में आवो आवो आवो