कोई प्यार के पंख पसारे जरा मन की किवड़िया खोल - The Indic Lyrics Database

कोई प्यार के पंख पसारे जरा मन की किवड़िया खोल

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - कोहिनुर | वर्ष - 1960

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कोई प्यार के पंख पसारे
आया है पास तेहारे
सुध-सुध अपनी बिसराए
पगला मन तोहे पुकारेज़रा मन की खेवड़ियाँ खोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
सैंया तोरे, सजना तोरे द्वारे खड़े
ओ, सैंया तोरे, सजना तोरे द्वारे खड़ेबिरहा की रैना -२
तेरी गलियों के फेरे -२
जोगी का रूप लिया प्रीतम ने तेरे -२
गोरी सुन ले बलम के बोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
ओ, सैंया तोरे, सजना तोरे द्वारे खड़ेमिलना है आज तोहे अपने पिआ से -२
जाने न भेद कोई तेरे जिआ के -२
मन-मन में सजनिया डोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
सैंया तोरे द्वारे खड़े
ओ, सैंया तोरे, सजना तोरे द्वारे खड़ेबिगड़े न बात कहीं धीरज न खोना -२
जागे न भाग अब काहे का रोना -२
तेरा जीवन बड़ा अनमोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े
सैंया तोरे द्वारे खड़े
ओ, सैंया तोरे, सजना तोरे द्वारे खड़ेओ मन की खेवड़ियाँ खोल
सैंया तोरे द्वारे खड़े