गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - हीरा पन्ना | वर्ष - 1973
View in Romanएक पहेली है तू
हाँ
नार नवेली है तू
हाँ
कुछ कहा
जितना मैं सुलझाऊँ और उलझती जाए
ओ
हाँ
यहाँ आओ ना
एक पहेली है ...दीवाना होने लगा हूँ तर र रम
मैं इसपे खोने लगा हूँ तर र रम
ओ नैना तेरे ऐसे जैसे भूल-भुलैया
बड़ी अलबेली है तू
नार नवेली है ...ओ हो
कब तक पीछा करोगे
यह प्रेमी आँखों को मीचे तर र रम
चलता जाए तेरे पीछे ल ल ल ला
ऐ खिंचा चला जाए कच्चे धागे से सैंया
खेल वो खेली है तू
नार नवेली है ...जादू कोई है कि धोखा तर र रम
क़दमों को न जाए रोका
जाने कहाँ ले के चली थाम के बैंया आते जाइए
आज अकेली है तू
नार नवेली है ...