आँखों में क़यामत के काजल - The Indic Lyrics Database

आँखों में क़यामत के काजल

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - क़िस्मत | वर्ष - 1968

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आँखों में क़यामत के काजल
होंठों पे गज़ब की लाली है
बंदापरवर कहिये किसकी
तक़दीर संवरने वाली है
सज़के...
सज़के मैं तुम्हारी बाहों के
जो आग लगा दी पानी में
क़ुरबान तुम्हारी आँखों के
जो भर दें रंग जवानी में
मर जाऊँ तुम्हारे गालों पर
जिन में के गुलों की लाली है
बंदापरवर ...
ओ हो हो...
ये आपकी मस्ती का आलम
ये बहके हुए जज़बात मेरे
कुछ कह न सका मैं दीवाना
कहते हैं मगर हालात मेरे
या आप नशे में डूबे हैं
या मेरी नज़र मतवाली है
बंदापरवर ...