ख़ुशी की आस रही दिल को और ख़ुशी न हुई - The Indic Lyrics Database

ख़ुशी की आस रही दिल को और ख़ुशी न हुई

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - खान मस्ताना | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - सावन आया रे | वर्ष - 1949

View in Roman

हाय किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

हाय

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

अब क्या करूँ रे अब क्या करूँ

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

पासपड़ोस में

पासपड़ोस में बाजा बजे रे

दुलहा के संग नई दुलहन सजे रे

मैं तो बड़ीबड़ी

मैं बड़ीबड़ी आँखों वाली देखा करूँ

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

अब क्या करूँ रे अब क्या करूँ

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

हाय

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

सोलह बरस की मैं तो

ख़ुशबू हूँ ख़स की मैं तो

बाँकीमतवाली मैं तो

प्याली हूँ देसी की

चढ़ती उमर नहीं बात मेरे बस की

जवानी मेरे बस की

नहीं जी मेरे बस की

हाय मोरे रामा

अकेली यहाँ पड़ीपड़ी आहें भरूँ

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

अब क्या करूँ रे अब क्या करूँ

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

अब न रुकूँगी कीसी के रोके

पीहर चलूँगी मैं पिया की हो के

डोलिया हिलेडोले

डोलिया हिलेडोले मैं तो बैठी रहूँ

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ

अब क्या करूँ रे अब क्या करूँ

किसी से मेरी प्रीत लगी अब क्या करूँ