दम है बाकी तो ग़म - The Indic Lyrics Database

दम है बाकी तो ग़म

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा भोंसले, पुरुष आवाज | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - मकान नं. 44/ मकान नं. 44/घर नं. 44 | वर्ष - 1950

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( दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-२

( आँख वो क्या, दिल ही वो क्या
जो न करे कोई ख़ता )-२
हाथ बढ़ा साज उठा
दुनिया का ग़म करे अपनी बला

( दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-२

आ :
( कल के आज आज न ढल
दिल से मिटा ग़म का असर )-२
सोचना कल आह न भर
आँखों में बसेरा कर दिल में उतर

( दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-२

( रुत है जवाँ वक़्त हसीं
जश्न रहे आज यहीं )-२
कल का यक़ीं हमको नहीं
थन ही न जाये कहीं घूमती ज़मीं

( दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-२

आ : हे हे, हे हे

हे हे हे
दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं